अपुन ऊर्जा है
हमने अपने सभी सोशल मीडिया पर इसको डाला है। आपने भी सोचा ही होगा आखिर इसका क्या मतलब है?
“अपुन ऊर्जा है “, इन तीन शब्दों का मतलब बहुत गहरा है।
हम सभी इस शरीर के अंदर तो रहते है पर क्या हम शरीर है ? वास्तव में यह प्रशन कि मै कौन हूँ? शताब्दियों पुराना है । और यह कोई नयी बात नहीं है, तो फिर हमारा इन शब्दो के मिलान का क्या लाभ।
बातें तो हम बहुत लोगो कि सुनते है और काफी लोगो को सुनते भी है। ज्ञान की लहर कभी इस पर और कभी उस पर जाती रहती है किन्तु हमारी स्वयं की वास्तविकता हमारी मानसिकता से विकसित होती है ।
“अपुन ऊर्जा है” यह आंतरिक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है अगर आप इसके प्रति जागरूक होने मे सक्षम हो पाए।
एक बार आपका शरीर और मन इस कथन को जागरूक हो कर विश्वास करने लगे तो अपने अंदर अद्भुद परिवर्तन की धरा बहते हुए मेहसूस करेंगे।
यह कथन आपकी आपके बुरे समय मई हिम्मत बनेगा । “अपुन ऊर्जा है”, “अहम ब्रह्मास्मि” का आधुनिक रूप है जो आज के समाज मे ज्यादा बेहतर तरीके से और लोगो घुल मिल पायेगा ।
अंत मे श्री कृष्ण की वाणी को दोहराते हुए हम यही बोलना कहते है, आत्मा के कोई अस्त्र टुकड़े नहीं कर सकता, न ही ज्वाला उसको जलने मे सक्षम है, वह पानी से भी भिगोई नहीं जा सकती और न ही हवा उसको मुरझा सकती है क्योकि वह सदा से और सदा के लिए अमर है।